विश्व हिन्दी कहानीयाँ: जल जगंल जमीन के बारे में कविता

atOptions = { 'key' : 'c7b791c50581669642c093b14c89bb71', 'form

Monday, March 27, 2023

जल जगंल जमीन के बारे में कविता



 जल जगंल जमीन के बारे में कविता 


जल जगंल जमीन सबका निहार,

ये पृथ्वी हम सबकी माता अनुपम अद्भुत संसार।


जल प्राणों का आधार है,google.com, pub-9599959913319128, DIRECT, f08c47fec0942fa0

बिना जल के जीवन नहीं हो पार है।


जगंल भी है हमारी धरती का अभिन्न अंग,

वहाँ हर जीव वसंत और नव उमंग।


जमीन है जो हमारी माता,

जो उत्पन्न हुआ हमें देता संतुष्टि और सुख का नाता।


ये तीनों मिलकर हमारे जीवन का आधार हैं,

इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बेकार हैं।


इसलिए इनकी रक्षा करनी हम सबकी जिम्मेदारी है,

इनको बचाकर ही हम सब सुखी जीवन जियेंगे नये साल में खुशियों से भर जायेंगे हमारी भूमि के सभी अंग

जल जगंल जमीन की रक्षा करना हमारा धर्म,

इससे बढ़कर कोई कर्म नहीं।


जल संरक्षण करें और जंगलों की सुरक्षा करें,

जब हम इनकी रक्षा करेंगे तब हम सबको संतुष्टि मिलेगी अपनी-अपनी मनोख़ी ख्वाइशों से जो लेकर उठ रहे हैं यह नये साल में।


हर एक पेड़ अभी भी हमारी धरती के समस्त संसार का हिस्सा है,

उन्हें काटकर हम अपनी ही जान लेंगे ये अब जान लो नये साल में।


अपनी पृथ्वी की रक्षा करना हमारी पहली ज़िम्मेदारी है,

इससे हम अपने आने वाले समय की भी रक्षा करेंगे नये साल में।


इस नए साल में आओ ऐसे करें एक प्रतिज्ञा,

धरती माँ की रक्षा करें और उसे नया जीवन दें एक संकल्प के साथ जिससे हम उन सभी के लिए जो इस पृथ्वी पर हैं

https://www.facebook.com/profile.php?id=100090787387640&mibextid=ZbWKwL

No comments:

Post a Comment

#photographychallengechallenge